सीहोर जिले के सिद्धिगंज में बाबा रामदेव जी की विशाल शोभायात्रा धूमधाम से निकाली गई।

संवददाता – बंटी मेवाड़ा
सीहोर ज़िले के सिद्दिकगंज में बाबा रामदेव पीर की शोभायात्रा बंजारा सर्व समाज की अगुवाई में आयोजित हुई, जिसका स्वागत ग्रामीण जन द्वारा जगह-जगह पर बड़े उत्साह के साथ स्वागत किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा मंडल अध्यक्ष राकेश सिसोदिया मौजूद रहे। वहीं दूसरी और आदिवासी जी एस संगठन के अध्यक्ष दीपक नावडे ने विशेष रूप से बंजारा समाज और बाबा राम सा पीर की शोभा यात्रा का तहे दिल से स्वागत किया ओर अतिथियों का पुष्पहार पहनाकर स्वागत किया।
शोभायात्रा में श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल हुए और पूरे क्षेत्र में भक्तिमय माहौल देखने को मिला। श्रद्धालुओं ने बाबा रामदेव जी के जयकारों से नगर को गुंजायमान कर दिया।
📍राजस्थान की पावन धरा पर जन्मे बाबा रामदेव सा पीर को समाज में गरीबों के मसीहा और लोकदेवता के रूप में जाना जाता है। उनका जन्म मानव कल्याण और समाज में समानता स्थापित करने के उद्देश्य से हुआ माना जाता है।
01 जन्म का उद्देश्य
उस समय समाज में जाति-पांति और भेदभाव गहराई तक फैला हुआ था।
बाबा रामदेव ने अपने विचारों और कर्मों से यह संदेश दिया कि ईश्वर सबमें समान रूप से विद्यमान है।
वे विशेष रूप से गरीबों, वंचितों और पीड़ितों के संरक्षक बने।
प्रमुख विशेषताएं
02 . समानता का संदेश – उन्होंने ऊँच-नीच के भेदभाव को तोड़ते हुए सभी को साथ लेकर चलने का आह्वान किया।
03 . जनसेवा की भावना – गरीब, दलित और पीड़ित वर्ग की सहायता कर समाज में न्याय और सम्मान की स्थापना की।
04. आध्यात्मिक शक्ति – उनके चमत्कारिक कार्य और आस्था ने उन्हें जन-जन के देवता के रूप में स्थापित किया।
05 . संपूर्ण मानवता के संरक्षक – न केवल हिंदू समाज बल्कि मुस्लिम समाज भी उन्हें रामसा पीर मानकर श्रद्धा से पूजता है।
06 . लोक संस्कृति से जुड़ाव – लोकगीतों, भजनों और मेलों के माध्यम से आज भी उनके विचार समाज को प्रेरित करते हैं।
📌 पत्रकारिता दृष्टि से कहा जा सकता है कि बाबा रामदेव सा पीर का जन्म केवल एक धार्मिक घटना नहीं, बल्कि सामाजिक क्रांति का प्रतीक है। उन्होंने जीवन भर इंसानियत, समानता और भाईचारे का संदेश दिया, जो आज भी समाज को जोड़ने की शक्ति प्रदान करता है।
न्यूज सोर्स ( MB ) मधुर भारत समाचार : संपादक ; माखन चौहान मो, 8871130606